खगड़िया।
कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग की अहम भूमिका है। स्वास्थ्य कर्मी दिन रात मरीजों की देखभाल में हैं। सरकारी अस्पताल व्यस्त है। जिसका फायदा निजी नर्सिंग होम संचालक धड़ल्ले से उठा रहे हैं। बार-बार जांच के नाम पर खानापूर्ति करने वाला स्वास्थ्य विभाग इस बावत अपना पल्ला भी झाड़ते नजर आ रहा है। सदर अस्पताल खगड़िया के कैंपस के बाहर दर्जनों की संख्या में नर्सिंग होम खुले हैं। जहां डॉक्टर का नाम लिख संचालक गरीब गुरबों को शोषण कर रहे हैं। आश्चर्य तो यह है कि जब इसको लेकर खगड़िया के सिविल सर्जन से पूछा गया तो वे रिपोर्ट नहीं मिलने का रोना रोने लगे। उन्होंने कहा कि मुझे मेरे अधिकारी कुछ बताते नहीं है, अगर आपके पास कुछ ऐसा मामला है तो मुझे दें। अब सीएस साबह को यह कौन समझाए कि आपका कागजी जहाज जिन अधिकारियों के पास पहुंचता है वे जांच के नाम पर अपनी दुकानदारी को चला रहे हैं।
नाम बदलकर हो रहा है खेल
सदर अस्पताल रोड से लेकर गोशाला रोड एवं शहर के अंदर कई जगह बिना मानक के निजी नर्सिंग होम ऑपरेट किये जा रहे हैं। जहां बिन डॉक्टर के सर्जरी भी की जाती है। ये सब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है। शहर के अंदर कई ऐसे नर्सिंग होम मौजूद हैं जिनको प्रशासन की तरफ से सील कर दिया गया था, लेकिन वे बोर्ड में नाम बदलकर पुन: उसी जगह नर्सिंग होम संचालित कर रहे हैं।
मोटी रकम की होती है उगाही, गरीबों का भी शोषण
नर्सिंग होम संचालन के नाम पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संचालकों से मोटी रकम की भी उगाही करते हैं। खबर अखबारों में या टीवी पर दिखलाये जाने के बाद जांच आदेश तो निकलता है लेकिन उसे जांच अधिकारी अपने आमदनी का जरिया बना लेते हैं। नतीजन गरीब गुरबों का आर्थिक शोषण के साथ उनकी जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
कार्यवाई के नाम पर खानापूर्ति
ऐसे नर्सिंग होम में जब कोई जान माल का नुकसान होता है तो प्रशासन हड़कत में आता है। आनन फानन में जांच कराकर नर्सिंग होम को तो सील किया जाता है। लेकिन बाद में फिर चढ़ावा देकर उसको खोलने दिया जाता है। ऐसे में जांच किस तरह होता है यह समझा जा सकता है।
सीएस क्यों नहीं लेते हैं संज्ञान
सदर अस्पताल के बाहर संचालित हो रहे अवैध नर्सिंग होम के बारे में सिविल सर्जन कार्यालय को नहीं मालूम हो यह संभव नहीं लगता है। वहां के अधिकारी से लेकर कर्मी इस मामले में मोटी उगाही कर रहे हैं। आश्चर्य तो यह है कि खगड़िया सीएस भी अपने वाहन से इसी रास्ते कार्यालय पहुंचते हैं जिनको शायद ऐसी दुकानदारी दिख नहीं रही है।