बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल के दौरान पटना एम्स (AIIMS) में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यहां वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लेने वाले बच्चों में से 20 फीसदी में एंटीबॉडी पाई गई है। खास बात ये है कि किसी बच्चे का कोविड हिस्ट्री ही नहीं है।
यानी ये सारे बच्चे अपनी फैमिली में कोरोना से बचकर रह रहे थे। फैमिली में भी किसी को नहीं हुआ था जिससे ये अंदाजा लगाया जा सके कि बच्चा उनके संपर्क में आया है। ये कोरोना के संपर्क में कब आए किसी को कुछ पता नहीं है।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए ICMR ने बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी दी है। इसके बाद देश के 8 सेंटरों पर भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन का बच्चों पर ट्रायल किया जा रहा है। पटना AIIMS भी उन सेंटर्स में शामिल किया गया है। यहां फर्स्ट फेज में 12 से 18 साल के 27 बच्चों पर ट्रायल किया जा रहा है।
ट्रायल से पहले होती है एंटीबॉडी की जांच:
ट्रायल से पहले एंटीबॉडी की जांच की जाती है। बच्चों का कोविड टेस्ट तो निगेटिव आया पर लेकिन एंटीबॉडी टेस्ट के दौरान 20 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी डवलप मिली है।