आपत्तिनजनक और निराधार टिप्पणी के संबंध में इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार सिंह से तीन मई 2021 को पूछा गया था स्पष्टीकरण.
उनकी ओर से दिए गए जवाब पर विभाग को संतुष्टि नहीं, सीआईडी के डीआईजी ने निलंबित करने के संबंध में दिया है आदेश.
सीआईडी में तैनात इंस्पेक्टर और बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया है. सीआईडी के डीआईजी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. मृत्युंजय कुमार सिंह पर कोरोना संकट में आपत्तिजनक और निराधार टिप्पणी करने का आरोप है.
आपत्तिनजनक और निराधार टिप्पणी के संबंध में इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार सिंह से तीन मई 2021 को स्पष्टीकरण पूछा गया था. उनके द्वारा दिए किए गए जवाब को पुलिस मुख्यालय ने संतोषजनक नहीं पाया. इसके बाद पुलिस महानिदेशक ने इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार सिंह को गुरुवार को निलंबित करने का आदेश दे दिया. इसके साथ ही विभागीय कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है.
मृत्युंजय कुमार सिंह ने दिया था ये बयान
बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर और बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कुछ दिनों पहले बिहार के डीजीपी पर आरोप लगाया था कि कोरोनाकाल में मदद के लिए डीजीपी को फोन लगाया जाता है तो वे नहीं उठाते हैं. ऐसे में वॉट्सएप पर पत्र रूपी मैसेज लिखकर उनसे मदद की मांग करनी पड़ी है.
उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को मैसेज भेजा उसमें उन्होंने लिखा था “मौजूदा समय में कोरोना से कोरोनायोद्धा पुलिसकर्मी औए उनके परिजन काफी प्रभावित हैं, लेकिन उन्हें इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में आग्रह है कि पुलिसकर्मीयो और उनके परिजनों के इलाज के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर से हॉस्पिटलों में कुछ बेड की सुविधा की जाए.”
डीजीपी से उन्होंने कहा “आप बिहार के पुलिस प्रमुख हैं और सभी पुलिसकर्मियों के अभिभावक हैं. आपका कर्तव्य है कि इस संकट में अपने पुलिस परिवार के सदस्यों के दुख को कम करें.” इस दौरान पत्र में मृत्युंजय कुमार सिंह ने कुछ मरने वाले जवानों का जिक्र करते हुए मदद के क्षेत्र में अपनी बात कही थी.
फोन उठाने के लिए अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाए
मृत्युंजय कुमार सिंह ने डीजीपी से कहा था कि उनके स्तर से पहल की जाए. साथ ही मुख्यालय के किसी अधिकारी को बीमार पुलिसकर्मी के इलाज की व्यवस्था के लिए तत्काल मोबाइल नंबर के साथ प्रतिनियुक्त किया जाए जिससे आसानी से संपर्क कर बीमार पुलिसकर्मियों के इलाज में मदद मिल सके.