बिहार की राजनीति में आज “NEWSBIHAR18” एक ऐसे भाजपा नेता की बात अपने पाठकों को बता रहा हैं, जिन्होंने अपने बलबूते अपनी पहचान बिहार ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में बनाई है। हम बात कर रहे हैं बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की, जो बिहार के योगी कहे जाते हैं। जिनके वर्ष 2023 में भाजपा अध्यक्ष बनते ही बिहार बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी वो स्थिति दिखाई जो बिहार ही नहीं बल्कि भाजपा शासित प्रदेशों के लिए भी एक अहम बात है। बिहार की राजनीति में सम्राट का नाम हमेशा सम्राट की तरह गुंजा है। जिनका अपना एक जनादेश है। आइये जानते हैं बिहार के सम्राट के बार में…..
जानिये बिहार के सम्राट के बारे में
55 साल के सम्राट चौधरी की अपनी राजनैतिक विरासत बहुत समृद्ध है। वे बिहार के दिग्गज नेता शकुनी चौधरी के बेटे हैं। उनके पिता शकुनी चौधरी समता पार्टी के संस्थापकों में से एक हैं। शकुनी चौधरी का नाम कुशवाहा समाज के बड़े नेताओं में शुमार है और वो खुद भी विधायक और सांसद रहे हैं। शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी का प्रवेश सक्रिय राजनीति में 1990 में हुआ। वर्ष 1999 में राबड़ी देवी सरकार में वे कृषि मंत्री बने थे। लेकिन उनकी कम उम्र को लेकर विवाद खड़ा हुआ। फिर वर्ष 2000 और 2010 में वो बिहार के खगड़िया जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। जबकि वर्ष 2014 में वो नगर विकास विभाग के मंत्री रहे। वर्ष 2018 में वो राजद छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और एनडीए सरकार में पंचायती राज मंत्री रज काबिज हुए। जनवरी 2024 में चौधरी को बिहार में भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल का नेता बनाया गया। इसके बाद विजय कुमार सिन्हा को भाजपा विधायक दल का उपनेता बनाया गया। इसके बाद 2024 में राज्य में बनने वाली नीतीश कुमार की 9वीं सरकार में सिन्हा और चौधरी को बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।
आरजेडी से हुई शुरुआत
सम्राट चौधरी ने अपनी राजनीतिक पारी राजद से 1997 से शुरू की थी। उनके पिता शकुनी चौधरी राजनीति में सेना से रिटायर होने के बाद आए थ। कहा जाता है कि अपने पिता के राजनीति पृष्ठभूमि को देख सम्राट चौधरी भी बहुत ही कम उम्र में राजनीति में सक्रिय रहने लगे थे। बिहार की राजनीति में वे बहुत कम उम्र में विधायक और मंत्री भी बने। जिसकी बाकायदा समता पार्टी से एमएलसी रहे पीके सिन्हा ने चुनाव आयोग को शिकायत की थी। बिहार भाजपा के सूत्रों की माने तो सम्राट चौधरी बहुत सक्रिय, कमिटेड और राजनीति से इतर व्यक्तिगत संबंधों को निभाने वाले राजनेता हैं। खगड़िया के परबत्ता विधानसभा से सम्राट चौधरी विधायक रह चुके हैं। उनके साथ राजनीतिक लड़ाई लड़ चुके राजनेताओ की माने तो सम्राट चौधरी अपनी राजनैतिक विरासत से इतर काम करने वाले और जनप्रिय राजनेता हैं। राजनीति और बिहार की नब्स पकड़ उनका बहुत अच्छा भाषण और समाज में उनकी पकड़ बहुत अच्छी है।
पीएम मोदी के हैं बहुत करीबी
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेहत करीबी बिहार भाजपा नेताओं में जाने जाते हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो सम्राट पीएम मोदी के अलावे देश के गृह मंत्री अमित शाह के भी भरोसो को पाने में कामयाब रहे हैं। बिहार के कोयरी जाति से ताल्लुख रखने वाले सम्राट अपनी जाति की राजनीति को दवज्जो देने की बजाय बिहार के युवाओं के लिए एक अहम चेहरा भी हैं। बिहार बीजेपी में युवाओं की भागीदरी कहीं न कहीं सम्राट के चेहरे पर ही निर्भर करता है।
बीजेपी के सीएम का चेहरा बन सकते हैं सम्राट
राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी का राजनीति में एक अपनी अलग पहचान है। उनके करीब रहने वाले लोगों की माने तो उनका व्यक्तित्व बहुत ही साधारण है। अभी वर्तमान में भी डिप्टी सीएम रहते हुए वे अपने आवास पर लोगों से मुलाकत करने में कोई परहेज नहीं करते हैं। उनके आवासीय सूत्रों की माने तो सम्राट रोज सुबह 4 बजे उठते हैं। जो सबसे पहले दिनचर्या के बाद योग करते हैं। बताया जाता है कि इसी दौरान उनके आवास पर लोगों की भीड़ लगती है। सम्राट पटना में रहते हुए अपने आवास आने वाले लोगों को कभी निराश नहीं करते हैं। उनकी ये सभी खुबियां और बीजेपी आलाकमान से उनकी नजदीकियां और उनके उपर भरोसा ही सम्राट चौधरी को बीजेपी की तरफ से बिहार सीएम के लिए सबसे अहम चेहरा बताया जा रहा है। हालांकि अभी बीजेपी बिहार में सीएम नीतीश कुमार के चेहरे पर अपना गठबंधन चला रही है।