बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर खगड़िया जिले में भी हलचल बढ़ गई है। दो अनुमंडल और सात प्रखंड सहित चार विधासभा सीट वाले इस जिले में अलौली, परबत्ता, बेलदौर और खगड़िया सदर सीट शामिल है। लेकिन इन चार विधासभा में सबसे हॉट सीट परबत्ता और खगड़िया सदर बनने जा रहा है। जिसमें बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का अहम किरदार कहा जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इन दोनो सीट की चर्चा क्यों की जा रही है? इस सवाल का जबाव भी साफ है। आज एनबी-18 एक ऐसे सख्स की चर्चा कर रहा है जो खगड़िया की राजनीति से निकलकर बिहार बीजेपी के चाणक्य बने………..!
खगड़िया और परबत्ता बनेगा हॉट सीट
बिहार विधानसभा चुनाव में खगड़िया जिले के चार विधानसभा सीट में शामिल परबत्ता और खगड़िया सदर सीट पर घमासान होना तय है। हालांकि इन दोनो सीट पर एनडीए और महागठबंधन के कई संभावित उम्मीदवार बताये जा रहे हैं। लेकिन चुनाव में कौन नामांकरण करेगा इसकी बात समय से पहले नहीं बताई जा सकती है। जिले के चार विधानसभा क्षेत्र में शामिल परबत्ता और खगड़िया सीट सबसे हॉट सीट माना जा रहा है। क्योंकि इन दोनो सीट से जो उम्मीदवार अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं वे राजनीति के धुरंधर कहे जाते हैं।
परबत्ता से जीतकर सम्राट बिहार राजनीति के चाणक्य बने
बिहार के कद्दावर नेता शकुनी चौधरी के बेटे डिप्टी सीएम राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी को बिहार बीजेपी का चाणक्य कहा जाता है। वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव खगड़िया के परबत्ता से लड़ वे पहली बार राजद से बिहार विधानसभा पहुंचे। ये वो समय था जब खगड़िया में दिवंगत पूर्व मंत्री रामानंद प्रसाद सिंह का एकतरफा बर्चस्व था। 2010 के विधानसभा चुनाव में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने परबत्ता सीट से रामानंद सिंह को 806 वोट से हराया था। हालांकि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह ने सीट पर फिर वापसी की। उन्होंने भाजपा के रामानुज चौधरी को 28,924 वोट से हराया। राजीनितक जानकारों की मानें तो वर्तमान स्थिति में सम्राट चौधरी बिहार में राजनीति के सम्राट बन चुके हैं। बिहार बीजेपी में उनकी रणनीति के सभी कायल हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि सम्राट चौधरी ने ही बिहार में बीते लोकसभा चुनाव में तमाम विपरित परिस्थियों के बाद भी एनडीए को आगे बढ़ाया था। जिसका नतीजा है कि वे आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और देश के गृह मंत्री अमित शाह के काफी करीबी कहे जाते हैं।
खगड़िया और परबत्ता विधानसभा को जानें
खगड़िया जिले में चार विधानसभा हैं। जिसमें बेलदौर, परबत्ता, अलौली और खगड़िया है। यहां बता दें कि खगड़िया लोकसभा सीट में कुल छह विधानसभा सीट है। जिसमे एक सहरसा जिले के समिमरी बख्तियारपुर एवं समस्तीपुर जिले का हसनपुर विधानसभा शामिल है। वर्ष 1951-52 में जब पहली बार विधानसभा चुनाव हुए तब से परबत्ता सीट का अस्तित्व है। बीते बातों को अगर छोड़ दें तो वर्ष 2000 में बिहार में बहुत बड़ा बदलाव हुआ। यह वही समय था जब बिहार के तत्कालिन मुख्यमंत्री लालू यादव जेल जाने से पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की सत्ता पर काबिज कर गए। इन सबके बीच हुए पहली बार चुनाव लड़ सम्राट चौधरी ने परबत्ता सीट पर लालू की राजद से जीत दर्ज की। सम्राट चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रामानंद प्रसाद सिंह को 12,452 वोट से हरा दिया था।
सम्राट वर्ष 1990 में राजनीति में हुए शक्रिय
सम्राट चौधरी ने राजनीति में प्रवेश 1990 में किया। 1999 में वे बिहार के मंत्री भी बने थे। जबकि पहली बार वे साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में वे खगड़िया के परबत्ता विधानसभा से विधायक चुने गए। ये वो समय था जब बिहार में बहुत कुछ बदल चुका था। राज्य की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री भी बदल चुका था। उस दौर में बिहार के सबसे कद्दावर नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव घोटाले के आरोप में जेल आ जा रहे थे। उनकी जगह उनकी पत्नी राबड़ी देवी राज्य की सत्ता पर काबिज थी। लेकिन 2000 के विधासभा चुनाव में परबत्ता सीट पर लालू की राजद से राकेश कुमार (सम्राट चौधरी) ने जीत दर्ज की। सम्राट चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रामानंद प्रसाद सिंह को 12,777 वोट से हरा दिया था। आज सम्राट चौधरी इस वक्त प्रदेश में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा तो हैं हीं, बल्कि वे अभी राज्य उप-मुख्यमंत्री भी हैं।