बिहार में कोरोना से मौत के आंकड़ों की सच्चाई सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। प्रदेश में विपक्षी दलों ने सरकार पर आंकड़ों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार किया कि जो आंकड़े दिखाए गए थे उसमें संशोधित किया गया है।
बिहार में कोरोना से मरने वालों के आंकड़े छुपाने के आरोपों को लेकर नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर शायराना अंदाज में तंज किया है। लालू यादव ने ट्विटर पर लिखा कि बन आंकड़ों का दर्ज़ी, घटा-बढ़ा दिया मनमर्ज़ी, फर्ज भुला नीतीश बने फ़र्जी, अपार हुई जग हंसाई। फिर भी शर्म ना आई’’ बता दें कि लालू यादव से पहले तेजस्वी यादव ने भी सरकार पर हमला बोला था। तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश सरकार ही फ़र्जी है तो आंकड़े भी तो फ़र्जी होंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने 24 घंटे में आंकड़े को किया संशोधित
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना से होने वाली मौत की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में कोरोना से अबतक 6,148 लोगों की मौत हो चुकी। इससे पहले सरकार ने कोविड के 5529 मृतक बताए थे। इसके बाद 24 घंटे के अंदर यह संख्या 9429 पर पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी गलती मान ली। गुरुवार को देश में कोरोना से हुई कुल मौतों की संख्या 6 हजार से अधिक दर्ज की गई है। अगर एक दिन में मौतों का आंकड़ों पर गैर करे तो दुनिया में सबसे ज्यादा है ।
पप्पू यादव ने सरकार पर साधा निशाना
राज्य में बहुत पहले से विपक्षी दल मौत के आंकड़ों के छुपाने का आरोप लगाते रहे हैं। कांग्रेस समेत पप्पू यादव ने भी गलत आंकड़ों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। पप्पू यादव ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से मरने वाले के आंकड़ों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया । पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा, ‘बिहार में मौत घोटाला! पटना में कल 1000 से अधिक लोगों की कोरोना से मौत की क्या है सच्चाई? कहा जा रहा है कि पहले मौत के आंकड़ों को छुपाया गया था, अब उन्हें जारी किया गया है, आखिर यह खेल किसका है। स्वास्थ्य विभाग में मौत के आंकड़ों का घोटाला कौन कर रहा है?