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अक्टूबर तक आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, गृह मंत्रालय ने राज्यों को भेजा अलर्ट

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कोरोना वायरस से महासंग्राम जारी है, लोग किसी भी हालत में इससे मुक्ति पाना चाहते हैं लेकिन हर दफा ये एक नया और और भी ज्यादा भयावह रूप बना कर सामने खड़ा हो जाता है। पहली वेव दूसरी वेव और अब तीसरी वेव का डर लोगों को सताने लगा है, इसी बीच ऐम्स के डाइरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने अब चेतावनी भी जारी कर दी है।

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर AIIMS के डायरेक्टर डॉ।  रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा है कि अगर कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया, बाजारों या टूरिस्ट स्पॉट पर लगने वाली भीड़ को नहीं रोका गया तो कोरोना की तीसरी लहर सिर्फ 6 से 8 हफ्तों में पूरे देश पर अटैक कर सकती है।  कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है लेकिन कई जगह फिर से कोरोना नियमों का पालन करने में लापरवाही देखी जा रही है। ऐसे में ज्यादा एहतियात बेहद जरूरी है

तीसरी लहर रोकने के उपाय

  •  भारत की ज्यादा से ज्यादा आबादी का वैक्सीनेशन करना होगा।
  •   लोगों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
  •   ऐसे इलाकों की मॉनिटरिंग करनी होगी, जहां कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
  •  जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज 5% से ज्यादा है, वहां कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित करें।

कोरोना महामारी की तीसरी लहर में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अधिक खतरा है। इसका प्रमुख कारण बच्चों को कोरोना का टीका नहीं लगना प्रमुख है। क्योंकि बच्चों के लिए देश में अभी टीका उपलब्ध ही नहीं है। तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी। इसी बात का पता लगाने के लिए दिल्ली AIIMS ने 4 राज्यों में 700 बच्चों पर सीरो सर्वे किया जिसके नतीजे राहत देने वाले है। सीरो सर्वे में बच्चों में भी लगभग बड़ों के बराबर ही सीरोपॉजिटिविटी मिली है। यानी बच्चे भी कोरोना से बड़ों के बराबर ही संक्रमित हुए हैं और उनके शरीर में एंटीबॉडी बन चुकी है।

सीरो सर्वे होता क्या है?

सीरो सर्वे सेरोलॉजी टेस्ट से होता है। , इसमें ब्लड सैम्पल लेकर टेस्ट होता है।  किसी खास इन्फेक्शन के खिलाफ बनी एंटीबॉडी की जांच होती है।

एक तरफ पूरी दुनिया ने कोरोना के खात्मे के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। ऐसे में बार बार डॉक्टर भी यही चेतावनी दे रहे हैं कि अगर कोरोना को हराना है तो घर पर रहना है, सामाजिक दूरी का ख्याल भी रखना है। लेकिन लोग इसे समझने की जगह कोरोना को हलके में ले रहे हैं, लापरवाही बरत रहे हैं, जिसका नतीजा हमारे सामने है। लेकिन दूसरी लहर की गलतियों से हमें सीखना होगा और तीसरी लहर को भयावह रूप लेने से रोकना होगा ।

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