नालंदाप्रदेशबड़ी खबर

शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार पर आर.सी.पी सिंह का हमला, कहा मुख्यमंत्री के साथ बैठने वाले कई नेता बिहार के बाहर रंगीन पानी का करते हैं सेवन, शराबबंदी ने बिहार को किया बर्बाद

1 Mins read
सोनू पांडेय / नालंदा
कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे चहेते रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.सी.पी सिंह लगातार उनपर हमलावर हैं। नीतीश के गढ़ नालंदा में आर.सी.पी सिंह लगातार जनसंपर्क अभियान कर रहे हैं। इसी के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शराबबंदी कानून को लेकर डायरेक्ट हमला बोला है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ बैठने वाले कई नेता बिहार के बाहर रंगीन पानी का उपयोग करते हैं। मतलब साफ है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री का इशारा नेताओं के शराब सेवन को लेकर था। आरसीपी सिंह यहीं नहीं रुके बल्कि बिहार के शराबबंदी कानून को पूरी तरह फेल करार देते हुए इसे बिहार को बर्बाद करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पटना के कार्यालय में शराबबंदी नजर जरूर आती है लेकिन गांव देहात में ये कानून सिर्फ दिखावा है।

 

नीतीश पलटी मारने की करते हैं तैयारी
आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां की सरकार को भूंजा पार्टी करने के साथ कहां कैसे पलटी मारना है, उसकी रणनीति तैयार करना बचा है। उन्होंने कहा कि 7 निश्चय योजनाओं का कराए गए कामों का सिर्फ़ बंदरबांट किया गया है। चाहे हर घर नल का जल योजना हो या फिर ग्रामीण सड़क हो सभी कार्य सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित है। इस दौरान उन्होंने प्रशांत किशोर के 8वीं बार पलटी मारने वाले सवाल पर कहा कि दोनों एक दूसरे को जानते हैं उनके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता।
लोगों का निर्णय होगा स्वीकार
बीजेपी में जाने की बढ़ रही अटकलों पर उन्होंने कहा कि मैं सभी जगह घूम घूमकर अपने लोगों से मिल रहा हूं। जो उनका निर्णय होगा वो हमारे लिए मान्य होगा और मैं अपने लोगों के साथ इस पर निर्णय लूंगा।
शराबबंदी फेल, युवा बन रहे नशे के शिकार
शराब बंदी वाले सवाल पर आरसीपी सिंह ने कहा कि यहां शराबबंदी पूरी तरह से फेल है। इससे राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। साथ ही युवाओं में नशे की लत भी बढ़ गई है। इसके अलावा ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि जो मुखिया आरसीपी सिंह के कार्यक्रम में नज़र आए उनके उपर जांच बैठा देते हैं। उनको डराने के मकसद से सबका सम्मान होना चाहिए. जिस सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते हैं। 2005 से 10 के बीच जो काम हुआ उसके बाद बिहार तो छोड़िए उनके गृह क्षेत्र में भी कोई काम नहीं हुआ है।
Install App