बिहार का खगड़िया जिला, मसलन वो जिला जिसे फरकिया घोषित कर दिया गया और जो सात नदियों की चौहद्दी से घिरा है। खगड़िया जिले के लोकसभा में 6 विधानसभा है। जबकि यह जिला बिहार विधानसभा में 4 विधायक चुनकर भेजता है। आज हम चुनावी ग्राफ में सबसे पहले खगड़िया जिले के सदर विधानसभा की बात करेंगे। जो इस जिले का हॉट शीट कहा जाता है। इस जिले में चार विधानसभा है। जिसमें बेलदौर, परबत्ता, अलौली और सदर सीट खगड़िया शामिल है। पहले जानिये खगड़िया विधानसभा के बारे में …… !
जाने खगडिया के बारे में
संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश 2008 के अनुसार खगड़िया चार विधानसभा सीटर से बना है। जबकि इस जिले के लोकसभा सीट में 6 विधानसभा शामिल है। विधानसभा में खगड़िया जिले का परबत्ता, अलौली, खगड़िया सदर एवं बेलदौर शाम है। वहीं इस लोक सभा के छह जिलों में खगड़िया के चार विधानसभा के अलावे समस्तीपुर जिले का हसनपुर एवं सहरसा जिले का शिमरी बख्तियारपुर विधानसभा भी शामिल है।
एनडीए और महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी
खगड़िया की राजनीति में एक ऐसा चेहरा जिसे जनता ने हमेशा अपनाया है। फिलहाल वे प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में खगड़िया के भावी उम्मीदवारों की सूचि में सबसे पहले नजर आ रहे हैं। शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह शिक्षक के रुप में रहकर शिक्षकों के विभिन्न आंदोलन में शामिल रहे हैं, अभी भी वे संगठन के प्रमुख चेहरों में एक हैं। बताया जा रहा है कि खगड़िया सदर विधानसभा सीट से वे जन सुराज पार्टी के लिए वे उम्मीदवार हो सकते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वे एनडीए और महागठबंधन के किले को भेदने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं। मतलब वे इन दोनो गठबंधन के लिए बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सबसे बड़े खतरे की घंटी बजा सकते हैं।
अनजान महिला को बनाया चेयरमैन
वर्ष 2022 में नगर परिषद खगड़िया के चुनाव में मनीष सिंह ने शिक्षक की पद से इस्तीफा दे दिया था। यह वो दौड़ था जब मनीष सिंह के शिक्षक रहते हुए राजनीति के बहुत सारे आरोप लगाये जा रहे थे। यह वही समय था जब मनीष सिंह ने एक ऐसे अनजान चेहरे अर्चना कुमारी को नगर परिषद के चेयरमैन उम्मीदवार के लिए चुना था, जिनको कोई पहचानता नहीं था। इस चुनाव में मनीष सिंह के सभी दाव कामयाब रहे और अर्चना कुमारी चेयरमैन चुनी गई। जबकि उनकी पत्नी दो बार लगातार जिला परिषद सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से मनीष सिंह को टिकट मिलना लगभग तय है।
चुनाव लड़ने की तैयारी में कई दिग्गज
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए खगड़िया की रणभूमी तैयार है। इस चुनाव में कई दिग्गज अपनी पैठ बनाने के लिए राजनीतिक हतकंडे अपना रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम 4 बार विधायक रही पूनम देवी यादव का है। हालांकि वे 2020 के चुनाव में महागंठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार छत्रपति यादव से इसलिए हार गई थीं क्योंकि उनके ही एनडीए गठबंधन में उनकी खिलाफत हो रही थी। इस बार भी एनडीए के लिए वे सबसे पावरफूल उम्मीदवार हैं। वहीं एनडीए की तरफ से भाजपा के लिए बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खंडेलिया भी चुनावी समर में नहाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन खगड़िया बीजेपी में उनके विरोधी भी काफी अहम हैं। अब बात रही महागठबंधन की तो इसमें सबसे अहम राजद के जिलाध्यक्ष मनोहर यादव की चर्चा है। बताया जा रहा है कि मनोहर तेजस्वी यादव के सबसे करीबी हैं। ऐसे में अगर उनको भी महागठबंधन से टीकट मिलता है तो यह कोई आश्चर्य नहीं होगा। जो जीत का परजम भी दिखा सकते हैं।
चिराग फेक्टर भी काफी अहम
खगड़िया विधानसभा से एलजेपी (आर) भी “एक दो चार करने की जुगत में है। चर्चा है कि केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान सुरक्षित सीट से नहीं बल्कि खगड़िया से लड़कर बिहार सरकार के चुनाव में अपनी मौजूदगी दिखाना चाह रहे हैं। यह कहना भी सही होगा कि खगड़िया में चिराग का फैक्टर भी चलेगा। क्योंकि चिराग के पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. रामविलाश पासवान का खगड़िया गृह जिला है। ऐसे में चिराग फैक्टर भी खगड़िया विधानसभा चुनाव के लिए काफी अहम होगा।