अभिजीत
शहर एवं ग्रामीण इलाकों के युवा भारतीय पारामिलिट्री फोर्स और पुलिस में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं, इनमें कई ऐसे भी हैं जिनको इसमें निराशा मिलती है। बिहार के खगड़िया जिले में ऐसे ही युवाओं को रास्ता दिखाने के लिए भारतीय सेना के एक रिटायर फौजी काम कर रहे हैं। देश की सेवा करने के बाद रिटायर होकर फौजी घर लौटकर युवाओं को सेना एवं पुलिस में जाने के लिए ट्रेनिंग दे रहे हैं। वह युवाओं की टोली के साथ खगड़िया जिले के कोशी महाविद्यालय के मैदान में सुबह 5.30 से 8.30 एवं शाम 4 से 6 बजे तक दौड़ते हैं और एक्सरसाइस कराते हुए वह युवाओं को देश की सेवा करने का रास्ता दिखाते हैं।

निरंजन कुमार, रिटायर फौजी
निरंजन कुमार भारतीय सेना में हवलदार के पद पर 17 वर्षों तक रहे। रिटायर होने के बाद वह जब घर पहुंचे तो उन्होंने खगड़िया जिले में अपने गृह ग्राम भदास और जिले के अन्य युवाओं की सेना में न जाने की कसक को नजदीक से देखा। इसी कसक को समझते हुए उन्होंने युवाओं को सेना एवं पुलिस में जाने के लिए फिजिकल ट्रेनिंग देने की बात ठानी। वह ट्रेनिंग शुरू करने से पहले और ट्रेनिंग के बाद सारे युवा व खुद हाथ उठाकर भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे भी हैं।
93 युवाओं का हो चुका है चयन
निरंजन रिटायर करने के बाद अपने एकलव्य सैनिक भर्ती एकेडमी के द्वारा 93 युवाओं को पुलिस व भारतीय सेना में भेज चूके हैं। जिनमें लड़के व लड़कियां भी हैं। करीब दो वर्ष पहले 5 बच्चों के साथ अपना सफर शुरु करने वाले इस रिटायर फौजी की एकेडमी में अब सैकड़ों युवा ट्रेनिंग पा रहे हैं।
मुहिम में जुड़ रहे हैं युवा
निरंजन कुमार ने बताया कि वह भारतीय सेना में हवलादार के पद पर तैनात रह चुके हैं। उनको अच्छी तरह मालूम है कि इन युवाओं को देश की सेवा के लिए कैसे तैयार करना है। उन्होंने बताया कि उनकी इस मुहिम में अब दर्जनों युवा जुड़ रहे हैं। निरंजन कहते हैं कि युवाओं को फिजिकल ट्रेनिंग अगर सही तरीके से खगड़िया में ही मिलेगी तो वे इसके लिए परेशान नहीं होंगे। और जिले के युवा देश की सेवा में जा सकेंगे।
हाल में बिहार पुलिस में गए 8 युवा
रिटायर फौजी निरंजन कुमार के एकेडमी से हाल में 8 युवा बिहार पुलिस के (दारोगा) परीक्षा में सफल हुए हैं। मंगलवार को इन्ही सफल युवाओं के साथ निरंजन नें खुशियां बांटी। इस दौरान वे अपने ट्रेनिंग एकेडमी के साभी बच्चों को मिठाईयां भी बांटी।