अंबालिका : मोतिहारी
जब सबकुछ मैनेज हो तो फिर कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति ही देखने को मिलती है। चाहे मामला लोगों के स्वास्थ्य का ही क्यों न हो, छापेमारी में चंद लालच वाले अधिकारी इसकी अनदेखी करते ही हैं। दरअसल मोतिहारी के बंजरिया में नकली ब्रांडेड सरसों तेल बनाने के मामले में जब फैक्ट्री पर छापेमारी दल पहुंचा तो वहां इसके संचालक पर मेहरबान रहा। उक्त कार्य में लखनऊ से आए एक ब्रांडेड सरसों तेल कंपनी के प्रतिनिधी ने जब उक्त फैक्ट्री के तेल की जांच की तो उसे पाम ऑयल (तार का तेल) कहा। लेकिन इतना सबकुछ होने के बाद भी छापेमारी दल खामोश रहा।
सील नहीं कर 18 घंटे बाद लिया गया सैंपल
जिले के बंजरिया थाना क्षेत्र में चलाये जा रहे नकली ब्रांडेड तेल फैक्ट्री की सूचना मिलने के बाद जिस छापेमारी दल ने वहां धमक दी उसने कई लापरवाही कर सवालों को जन्म दिया है। उक्त फेक फैक्ट्री को सील करने की बजाय प्रशासन ने उसे यूं ही छोड़ दिया। बताया जाता है कि 18 घंटे बाद उक्त फैक्ट्री से सैंपल इकट्ठा किया गया। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने जानबूझकर उक्त फैक्ट्री संचालल को मौका दिया है। यहां तक की एफआईआर भी दर्ज नहीं किया गया।