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संसद का विशेष सत्र खत्म हो चुका है। राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई साथ ही नई सदन में महिला आरक्षण बिल पारित हो चुका है। अब देश बोल रहा है कि, मोदी है तो मुमकिन है ! आइए जानते हैं मोदी कितना मुमकिन हैं….

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अभिजीत सिन्हा

मोदी है तो मुमकिन है। कई मौकों पर सुना गया है, या लोगों का कहना है। भारत में महिलाओं के सम्मान में 21और 22 सितंबर  2023 इतिहास बन चुका है। जिसका महत्व आगामी समय के लिए बहुत सकारात्मक होगा। मेरा मानना हमेशा रहा है कि भारत की राजनीति में महिलाओं को पुरुषों की बराबरी मिले। एक राष्ट्र के रूप में, हमलोग महिला सशक्तिकरण के एक नए युग में प्रवेश कर चुके हैं। भारत की संसद के दोनों सदनों द्वारा ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के पारित होने के साथ, देश की महिलाओं को लंबे समय से लंबित अधिकार प्रदान करने की दिशा में एक सकारतमाम कदम है।

भारत विकास में बहुतायत योगदान होगा

भारत की नारी शक्ति ने पहले ही जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी योग्यता साबित कर दी है, और अब ये जरूरी है कि वे कानून बनाने की प्रक्रियाओं में भी बढ़-चढ़कर भाग लें। नारी शक्ति वंदन योजना के द्वारा भारत के विकास में महिलाओं का योगदान बहुतायत होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि भारतीय महिलाओं की आवाज को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए।

लोकसभा और सभी विधानसभा में हो जायेगा आरक्षण

महिला आरक्षण बिल संसद के विशेष सत्र के  में पारित हो गया।अब इस बिल को स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है। यानि राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही नारी शक्ति वंदन अधिनियम कानून बन जाएगा। इसके लागू होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा।

परिसीमन के बाद होगा सुचारू क्रियान्वयन

गौरतलब है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम देश में परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद ही  लागू हो सकता है। इसका मतलब यह है कि यह कानून 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लागू नहीं किया जा सकता है। मौजूदा कानून के अनुसार, अगला परिसीमन जनगणना के बाद ही किया जा सकता है जो 2026 के बाद की जाएगी। इसका सीधा-सा मतलब ये है कि विधेयक को कम से कम 2027 तक लागू नहीं किया जा सकता है। बात दें, 2002 में संशोधित संविधान का अनुच्छेद 82 कहता है कि परिसीमन प्रक्रिया 2026 के बाद हुई पहली जनगणना के आधार पर की जा सकती है। जनगणना आखिरी बार 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी हुई, इसलिए अगली गिनती 2027 में हो सकती है।

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