अपना बिहारक्राइमखगड़ियाबड़ी खबर

बिहार में बेखौफ शराब माफिया : शिकंजा कसने के बाद भी खगड़िया में शराब माफिया पूरी तरह एक्टिव, 24 घंटे हो रही शराब की होम डिलीवरी, कई सफेदपोश धंधे में शामिल

1 Mins read

अभिजीत सिन्हा

बिहार के खगड़िया में अवैध शराब के धंधेबाजों के हौसले बुलंद हैं। शराबबंदी कानून को नजर अंदाज कर शराब के अवैध धंधे में संलिप्त धंधेबाज शराब की बड़ी खेप आसानी से खगड़िया जिले के सभी थाना क्षेत्र में सप्लाई कर रहे हैं। एक तरफ पुलिस जहां शराब को लेकर चौकसी बरत रही है, वहीं दूसरी ओर जिले के तस्कर शराब की खेप लाकर लगातार उन्हें चुनौती दे रहा है। शराब तस्करों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे दिन के उजाले में खुलेआम काफी बड़े पैमाने पर शराब की ढुलाई और तस्करी कर रहा है। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि खगड़िया में शराब का अवैध कारोबार काफी धड़ल्ले से फल- फूल रहा है। जानकारों की माने तो इस गोरखधंधे में जिले के कई सफेदपोश भी शामिल हैं, जिनपर प्रशासन की पहुंच नहीं है। हालांकि अवैध शराब कारोबारी पर अंकुश लगाने को लेकर उत्पाद विभाग एवं खगड़िया पुलिस तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है, इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है। बावजूद शराब तस्करों का मनोबल घट नहीं रहा है।

तस्करी में 16 से 30 साल के युवा शामिल, पुलिस के लिए चुनौती

कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाले धंधे से युवा वर्ग लगातार जुड़ रहे हैं। लालच में युवा इसमें अपना भविष्य खोज रहे हैं। इसमें न तो मोटी पगड़ी देकर दुकान की आवश्यकता है न ही कहीं भंडारण की। कम समय से अधिक रुपये कमाने की लालच में नौजवान इस धंधे में उतर गए हैं। तस्करों में सबसे अधिक 16 से 30 साल के युवा शामिल हैं। इन शराब तस्करों के मन में कार्रवाई का भय नहीं है। परिणाम है कि पकड़े जाने के बाद भी जमानत मिलने पर पुन: इस धंधे में शामिल हो जा रहे हैं। ऐसे में धंधे पर अंकुश लगने की बजाय इसकी तादाद बढ़ती ही जा रही है। पुलिस के लिए भी ये एक बड़ी चुनौती है।

जिले में शराब माफियाओं के हौसले बुलंद क्यों?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों के हित को देखते हुए पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की। बिहार के लोगों की सेहत अच्छी रहे, उनके परिवार न उजड़े इस सोच के साथ पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किए गए। सवाल ये उठता है कि जब सख्त शराबबंदी कानून बनाए गए हैं तो शराब माफिया के हौसले इतने बुलंद कैसे हैं? छापेमारी के लिए जाने वाले पुलिसकर्मियों पर ही वो हमला क्यों कर रहे? आखिरकार बिहार में शराब माफिया का हौसला इतना बुलंद कैसे हो गया?

शराब तस्करी के लिए लाइनर का इस्तेमाल

शराब तस्करों ने जगह-जगह लाइनरों को भी लगा रखा है जो उन्हें रास्ता क्लियर रहने की खबर देते हैं। इस तरह शराब तस्कर बाइक से शराब लेकर दिन के उजाले में बेखौफ होकर काफी आसानी से शराब की तस्करी कर रहा है। शराबबंदी के शुरुआती दौर में तो डरे-सहमे कुछ लोग चोरी छिपे शराब के इस धंधा में लगे थे। लेकिन वर्तमान में खगड़िया शहर और ग्रामीण इलाकों में शराब का कारोबार फैला हुआ है।

सख्ती के बावजूद धंधेबाजों के हौसले बुलंद

राज्य में शराबबंदी के चार साल से अधिक वक्त हो गए, लेकिन शराब की तस्करी और पीने-पिलाने का दौर समाप्त नहीं हो रहा। पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन तस्करों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसकी मुख्य वजह धंधे में कम पूंजी का लगना और मुनाफा कई गुना अधिक होना है। थोड़ा रिस्क तो ज़रुर है, लेकिन नोटों की गर्मी बनी रहती है। शराबबंदी जितनी सख्ती से लागू की गई उतने ही आराम से यह कारोबार घर-घर शुरू हो गया।

मुख्य तस्करों तक नहीं पहुंच रही पुलिस

जानकारों का मानना है कि जिले में आने वाले शराब की खेप में जो तस्कर चेकिंग के दौरान पकड़े जा रहे हैं वह मुख्य तस्कर नहीं है। उसकी गिरफ्तारी व पुलिस अपना गुडवर्क करने के बाद उससे जुड़ी मुख्य कड़ी को नहीं खंगालती है। इसकी वजह से मुख्य तस्कर नहीं पकड़े जाते हैं। परिणाम यह होता है कि जेल जाना और छूटना भी उन्हें इस धंधे से विलग नहीं कर पाता है। लोगों की माने तो ऐसे तस्करों को यहां के कई सफेदपोश लोगों की शह मिली हुई है। जो इस धंधे से मोटी कमीशन लेकर अपनी जेब भर रहे हैं।

24 घंटे हो रही होम डिलीवरी, देशी और विदेशी शराब तस्कर सक्रिय 
सूत्रों की माने तो खगड़िया में बिहार के अन्य जिलों की तरह 24 घंटे शराब की तस्करी हो रही है। शराब तस्कर फोन पर शराबियों को देशी और विदेशी शराब मुहैया करा रहे हैं। खगड़िया सदर अनुमंडल क्षेत्र के मथुरापुर, दान नगर, बलुआही, आवासबोर्ड, संहौली, भदास, कोठिया, बछौता, रहीमपुर, दुर्गापुर, रांको आदि क्षेत्र में शराब की तस्करी व्यापक पैमाने कर की जा रही हैं। हालांकि उत्पाद विभाग की माने तो शराब तस्करों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। बावजूद शराब तस्करी पर लगाम लगाना विभाग के लिए नासूर बना हुआ है।
Install App