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पराली प्रबंधन में रोहतास को मिला देशभर में पहला स्थान, इको एग्रीकल्चर रिवॉल्यूशन अवार्ड से हुआ सम्मानित

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के द्वारा आयोजित वर्चुअल सेमिनार में विक्रमगंज के कृषि विज्ञान केंद्र को पराली प्रबंधन में पहला स्थाना मिला है। उसे इको एग्रीकल्चर रिवॉल्यूशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जिसको लेकर जिलेभर में खुशी देखी जा रही है।

बता दें कि खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण को हानी पहुंचने के साथ किसानों के उपज की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। देशभर के ज्यादातर किसान अपनी-अपनी खेतों में पराली जलाते हैं। इससे किसानों को काफी हानी होती है। इससे आग लगने का भी खतरा मंडराता रहता है। लेकिन विक्रमगंज अनुमंडल के कृषि विज्ञान केन्द्र ने पराली प्रबंधन के द्वारा किसानों को मुनाफा दिया है। इससे उसे भी दोगुणे से ज्यादा का लाभ मिला।

किसानों को भी मिला मुनाफा

जिले के विक्रमगंज अनुमंडल कृषि विज्ञान केंद्र की पहल के बाद बेलर ने कृषि विज्ञान को को आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद दी। जिसकी मदद से अब पराली प्रबंधन का काम चल रहा है। रोहतास जिले में इसबार  कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा 40 एकड़ में पराली प्रबंधन का काम किया गया है। बताया जाता है कि कृषि विज्ञान केन्द्र ने वेलर द्वारा मिले आधुनिक यंत्रों के द्वारा खेतों में ही पुआल के 25 से 40 किलो तक के बंडल बनाकर उसे डेयरी प्लांट एवं दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों को बेच दिया। कृषि विज्ञान केन्द्र की मानें तो इससे उसकी लागत के दोगुणे से ज्यादा का मुनाफा हुआ है। सैक़ड़ों किसान भी इसके द्वारा मुनाफा कमा चुके हैं।

539 कृषि यन्त्र की मदद से किसानों को मिला 75 फीसदा अनुदान

बताया गया कि जिले के विभिन्न अनुमंडलों में 539 कृषि यंत्रों के माध्यम से पराली प्रबंधन का काम चल रहा है। जिसके तहत वेलर से मशीनों की खरीद पर किसानों को 75% तक का अनुदान दिया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विभाग के पहल पर रोहतास जिला के किसान अब पराली प्रबंधन में पूरे देश में नजीर बन कर उभरे हैं।

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